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APNI KHABAR

शनिवार, 23 नवंबर 2019

महाराष्ट्र में भाजपा-एनसीपी की साझा सरकार,फडणवीस मुख्यमंत्री-अजित पवार बने उपमुख्यमंत्री

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महाराष्ट्र की सियासत शनिवार सुबह अचानक ही बदली नज़र आयी। तमाम अटकलों और कयासबाजियों के बीच राज्य में भारतीय जनता पार्टी एनसीपी के साथ मिलकर सरकार गठन में कामयाब रही है। शनिवार सुबह राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने फडणवीस को सीएम पद शपथ दिलाई। अजित पवार डिप्टी सीएम बने हैं। 
प्रधानमन्त्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणीवस को दोबारा महाराष्ट्र का सीएम बनने पर Tweet कर बधाई दी| 

शनिवार, 9 नवंबर 2019

Ayodhya Verdict: मंदिर वहीं बनेगा, मुस्लिम पक्ष को मिलेगी वैकल्पिक जमीन

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अयोध्या विवाद पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. कोर्ट ने इस फैसले में विवादित जमीन रामजन्मभूमि न्यास को देने का फैसला किया है. जबकि मुस्लिम पक्ष को अलग स्थान पर जगह देने के लिए कहा गया है. कोर्ट ने फैसले में कहा कि मुस्लिम पक्ष जमीन पर दावा साबित करने में नाकाम रहा है. सुप्रीम कोर्ट ने निर्मोही अखाड़े का दावा खारिज कर दिया है. कोर्ट ने कहा कि अखाड़े का दावा लिमिटेशन से बाहर है. कोर्ट ने ASI रिपोर्ट के आधार पर अपने फैसले में कहा कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाने की भी पुख्ता जानकारी नहीं है. मंदिर निर्माण हेतु ट्रस्ट बनाकर काम करने के निर्देश दिए गये हैं.

CJI रंजन गोगोई की अध्यक्षता वाली बेंच ने शनिवार सवेरे 10.30 बजे फैसला सुनाना शुरू किया. 5 जजों की बेंच ने 16 अक्टूबर को इस मामले की सुनवाई पूरी की थी. संविधान पीठ के अन्य सदस्यों में न्यायमूर्ति एस ए बोबडे, न्यायमूर्ति धनन्जय वाई चन्द्रचूड, न्यायमूर्ति अशोक भूषण और न्यायमूर्ति एस अब्दुल नजीर भी शामिल हैं. 

राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आज

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राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद मामले में सुप्रीम कोर्ट 40 दिन तक लगातार चली सुनवाई के बाद शनिवार को फैसला सुनाने जा रहा है. पाँच जजों की बेंच ने १६ अक्टूबर को इस मामले में सुनवाई पूरी करने के बाद फैसला सुरक्षित रख लिया था| 
साल 2010 में इलाहबाद हाई कोर्ट ने इस मामले पर एक अहम फैसला सुनाया था, जिस पर साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने रोक लगा दी थी| 30 सितंबर, 2010 को इलाहाबाद हाई कोर्ट की 3 जजों की बेंच ने 2:1 के बहुमत से अयोध्या मामले पर अपना फैसला सुनाया था और 2.77 एकड़ की विवादित भूमि को मामले के 3 मुख्य पक्षकारों- निर्मोही अखाड़ा, राम लला विराजमान और सुन्नी वक्फ बोर्ड के बीच बराबर-बराबर बांटने का आदेश दिया था. 3 जजों की इस बेंच में जस्टिस एसयू खान, जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस धरमवीर शर्मा शामिल थे. इलाहाबाद हाई कोर्ट के इस आदेश पर मामले के तीनों मुख्य पक्ष ही सहमत नहीं हुए और उन्होंने इस आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी. साल 2011 में सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट के फैसले पर रोक लगा दी.
आज अयोध्या मामले में एतिहासिक फैसले के मद्देनज़र एहतियातन देश भर में सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गयी है| स्कूल-कॉलेज बंद करवा दिए गया हैं| इन्टरनेट सेवाओं को भी बंद करने के आदेश हैं| 

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