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APNI KHABAR

Sunday, 20 June 2021

कोरोना की तीसरी लहर में बच्चों को विशेष खतरा नहीं !

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अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) ने सर्वे में दावा किया गया है कि कोरोना की तीसरी वेव में बच्चों को कोई विशेष खतरा नहीं है|  एम्‍स और विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक स्टडी में बच्चों में हाई सेरोपोसिटिविटी पाई गई| स्टडी के अंतरिम निष्कर्षों ने अन्य आयु समूहों की तुलना में बच्चों को प्रभावित करने वाली कोविड-19 संक्रमण की संभावित तीसरी लहर की चिंता को कम कर दिया है| सेरोपोसिटिविटी वायरस के प्रति प्राकृतिक प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया (नेचुरल इम्युन रिस्पॉन्स) को माउंट करने की शरीर की क्षमता को संदर्भित करती है| 

WHO और AIIMS द्वारा जारी सीरो सर्वे में कहा गया है कि दूसरी लहर में काफी बच्चे संक्रमित हुए हैं। लगभग बड़ों के बराबर बच्चों में भी संक्रमण दर पाई गई है। बच्चों में सीरो पॉजिटिव दर 55.7 फीसदी है। बड़ों में सीरो पॉजिटिव दर 63.5 फीसदी है।

सीरो सर्वे से अनुमान

सीरो सर्वे से ये अनुमान लगाया गया है कि बच्चों को ज्यादा खतरा संभावित नहीं है। सीरो सर्वे में अनुमान जताया गया है कि थर्ड वेव में बच्चे, बड़े सब पर असर होगा। जरूरी नहीं, बच्चों पर ज्यादा असर हो। इस वेव में वायरस में ज्यादा म्यूटेशन से खतरा होगा।

सीरो सर्वे का दायरा

यह सर्वे 15 मार्च से 10 जून के बीच हुआ है और इस सर्वे में 4509 लोगों ने हिस्सा लिया।  इस  सर्वे में 3809 अडल्ट और 700 बच्चे शामिल हुए थे। इस सर्वे में 5 आबादी शंकुल शामिल थे। इसमें दिल्ली अर्बन और दिल्ली रूरल के लोग शामिल हैं।  गोरखपुर रूरल, भुवनेश्वर रूरल और अगलतला रूरल को लोग भी सर्वे में शामिल थे। गोरखपुर में सीरो पॉजिटिविटी - 87 फीसदी थी।

सीरो पॉजिटिविटी क्या?

इससे संक्रमण से लड़ने की क्षमता मिलती है। इसका मतलब शरीर में नेचुरल इम्यून एक्टिव होना है।

बच्चों की वैक्सीन आएगी

भारत में बच्चों के लिए जल्द ही 4 वैक्सीन संभावित हैं। बच्चों पर COVAXIN का ट्रायल जारी है। 2 से 18 साल के बच्चों पर इसका ट्रायल हुआ है। इसके साथ ही बच्चों के लिए भारत बायोटेक का नेजल टीका भी आ सकता है। इसके ट्रायल में  बच्चे भी शामिल हैं । यह वैक्सीन नाक से देने में सुविधाजनक भी है। वहीं कैडिला का ZyCov-D भी कतार में है। 12 से 18 साल के बच्चों पर ZyCov-D ट्रायल हो रहा है। Novavax को सीरम इंस्टीट्यूट बनाएगी। 

चिकित्सकों का दावा है कि बच्चों के शरीर की प्राकृतिक सुरक्षा प्रणाली और खून की स्वस्थ नसें उन्हें संभावित तीसरी लहर से भी बचा लेंगी। बच्चों का फेफड़ा वयस्कों की तुलना में संक्रमण से लडऩे में ज्यादा कारगर होता है।

 

(मीडिया ख़बरों पर आधारित)

Saturday, 19 June 2021

श्री पारस हॉस्पिटल को क्लीन चिट: लोगों में आक्रोश

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आगरा के श्री पारस हॉस्पिटल संचालक डॉ अरिंजय जैन का सात जून को वीडियो वायरल हुआ था जिसमें वे कह रहे थे कि 25 अप्रैल को आक्सीजन न मिलने पर 26 अप्रैल को सुबह सात बजे पांच मिनट के लिए आक्सीजन बंद कर माकड्रिल की गई और 22 मरीज छंट गए, शरीर नीला पड गया। वायरल वीडियो मीडिया में सुर्खियां बनने के बाद हॉस्पिटल सील कर दिया गया और डॉ अरिंजय जैन पर महामारी अधिनियम में थाना न्यू आगरा में मुकदमा दर्ज करा दिया गया। सीएमओ डॉ आरसी पांडेय ने हॉस्पिटल का लाइसेंस निलंबित कर दिया।
जांच रिपोर्ट पर उठे सवाल
18 जून को प्रशासन द्वारा गठित दो सदस्यीय कमेटी और चार सदस्यीय डेथ आडिट कमेटी की जांच रिपोर्ट में कहा  गया कि श्री पारस हॉस्पिटल में 16 मरीजों की मौत हुई है लेकिन किसी भी मरीज की मौत आक्सीजन की कमी के कारण नहीं हुई। रिपोर्ट की जानकारी होते ही लोगों ने रिपोर्ट को सवालों के कटघरे में खड़ा कर दिया और तमाम तथ्यों को दरकिनार कर एकतरफा जाँच रिपोर्ट बनाने का आरोप लगाया|इसको लेकर सोशल मीडिया पोस्ट्स  के माध्यम से लोगों ने आक्रोश व्यक्त किया| 

जांच जारी रहेगी, कर सकते हैं शिकायत
डीएम प्रभु एन सिंह का मीडिया से कहना है कि जिस भी पीडित की शिकायत आएगी, उसकी जांच कराई जाएगी। पीडितों की शिकायतें न्यू आगरा थाने में भेज दी गई हैं। पुलिस से भी शिकायत कर सकते हैं, आगे की विवेचना पुलिस द्वारा की जाएगी।

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