शुक्रवार
को वायुसेना का परिवहन विमान एएन-32 चेन्नई के तामबरम एयरबेस से क्रू सहित
29 लोगों को लेकर अंडमान निकोबार के पोर्ट ब्लेयर जा रहा विमान लापता हुआ जिसका अब तक कोई सुराग नहीं मिल सका है। सवार लोगों
में वायुसेना के 11, थलसेना के दो ,कोस्टगार्ड के एक और नौसेना के नौ लोग हैं।
सुबह 8.30 बजे उड़ान भरने के 8.46 तक विमान संचार संपर्क में था। लेकिन 9.12 मिनट के बाद इसका रडार से संपर्क टूट गया। जहां से विमान रडार पर से गायब हुआ है, वह जगह चेन्नई से करीब 300 किलोमीटर दूरी है। इस जगह समंदर की गहराई करीब 3500 मीटर यानि कि 10,000 हजार फुट है। इस विमान को 11.30 तक पोर्ट ब्लेयर पहुंचना था।
सुबह 8.30 बजे उड़ान भरने के 8.46 तक विमान संचार संपर्क में था। लेकिन 9.12 मिनट के बाद इसका रडार से संपर्क टूट गया। जहां से विमान रडार पर से गायब हुआ है, वह जगह चेन्नई से करीब 300 किलोमीटर दूरी है। इस जगह समंदर की गहराई करीब 3500 मीटर यानि कि 10,000 हजार फुट है। इस विमान को 11.30 तक पोर्ट ब्लेयर पहुंचना था।
विमान लापता होने की खबर
मिलते ही नौसेना और कोस्टगार्ड के 20 के करीब युद्दपोत ,
सात के करीब पी8 आई , सी 130 और डोर्नियर जैसे निगरानी विमान को खोजबीन
अभियान में लगा दिया गया। नौसेना ने अपनी एक पनडुब्बी को भी
बंगाल की खाड़ी में तलाशी अभियान में तैनात कर दिया है। इंडियन नेशनल सेंटर
फॉर ओसिन इंर्फोमेशन सर्विसेज ( INCOIS ) से सहायता मांगी गई है कि वे
संभावित इलाके की सूचना महैया करवाने में मदद करें। नेशनल रिमोट सेसिंग
सेंटर, हैदराबाद से भी अनुरोध किया गया है कि वे लापता विमान एएन-32 का हाई
रिजोल्युसन सैटेलाइट इमेज उपलब्ध करवाए।
वायुसेना के परिवहन बेड़े में करीब 100 एएन-32 विमान है। बेशक ये विमान तीन दशक
पुराने हैं लेकिन अपग्रेड होने के बाद ये काफी सुरक्षित माने जाते हैं।
बचाव
और राहत अभियान का मुआयना करने खुद रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर चेन्नई गए।
नौसेना के निगरानी विमान पी8 आई से रक्षा मंत्री ने तलाशी अभियान की
समीक्षा की। पर्रिकर ने हालात का जायजा लेने के बाद अधिकारियों को कहा कि
जितने भी संसाधनों की जरुरत है सबको इस अभियान में लगाया जाए।
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