हाथरस में शिक्षाविद मोहनलाल शर्मा का निधन हो जाने के बाद उनका अंतिम संस्कार उनकी पुत्रियों द्वारा किया गया| उनकी दोनों पुत्रियाँ विदेश में रहती हैं तथा अपने पिता के अस्वस्थ होने की खबर पाकर कुछ दिन पहले ही यहाँ आयीं हैं| बुद्धवार सुबह पिता का निधन हो जाने पर जब उनके रिश्तेदार ये सुगबुगाहट कर रहे थे कि कोई पुत्र ना होने की स्थिति में मुखाग्नि कौन देगा ऐसे में सुनंदा और सुप्रभा(पुत्रियाँ) ने निर्णय लिया कि अपने पिता का अंतिम संस्कार वे स्वयं करेंगी| अंतिम यात्रा के दौरान वे मोक्षधाम तक साथ पहुंची और वहां अपने पिता को मुखाग्नि दी|
Thursday, 21 July 2016
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