![]() |
विजयी मुद्रा में बच्चों के साथ समाजसेवी नरेश पारस |
जो हाथ कभी भीख मांगने के लिए लोगों के सामने फैलाये जाते थे, आज वही हाथ मेडल थामे हुए हैं| जो बच्चे दिनभर सड़कों पर घूमा करते थे, आज कांधों पर बस्ता टांग स्कूल जाते हैं, पढ़ते हैं, खेलकूद में प्रतिभाग करते हैं और जीतते हैं| और यह सब संभव हुआ आगरा के एक समाजसेवी नरेश पारस के कारण जिन्होंने इन जैसे न जाने कितने ही बच्चों की जिंदगी बदल दी| कई बिछड़ों को मिलाया, बेसहारा को आसरा दिलवाया, और जैसे भी बन पड़ा मदद की| एक लम्बे समय से समाजसेवा में जुटे नरेश पारस का मुस्कान बाँटने का सफ़र अभी जारी है...
(तस्वीर नरेश पारस की फेसबुक वाल से जहाँ उन्होंने लिखा है - "नन्हे सितारों ने फिर जीता पुरस्कार
भीख मांगने वाले हाथों में एक पुरस्कार और आ गया। खंड स्तर की स्कूली खेल-कूद प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त किया। ये वही बच्चे हैं जो पहले कभी सड़कों पर भीख मांगते थे। मुझे नाज है अपने इन नन्हें सितारों पर। इससे पहले ये गोल्ड और सिल्वर मेडल जीत चुके हैं।")
0 comments:
Post a Comment