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बेंगलुरू
में नालों के निर्माण के लिए चलाए जा रहे डिमॉलिशन अभियान की चपेट में देश
के लिए जान न्योछावर कर देने वाले लेफ्टिनेंट कर्नल निरंजन कुमार का घर भी
आने जा रहा है, जो इसी साल जनवरी में पठानकोट एयरपोर्ट बेस पर हुए
आतंकवादी हमले में शहीद हुए थे|
अधिकारियों
का कहना है कि बेंगलुरू में पिछले महीने बारिश से इस तरह पानी जमा हो गया
था कि सड़कों पर लोग सचमुच मछलियां पकड़ते दिखे, उसका कारण शहर में नालों
की कमी है| उनका यह भी कहना है कि निरंजन कुमार के परिवार का घर, जो उन 1,100 घरों में से एक है
जिन्हें तोड़ा जाना बाकी है, को बचाने
के लिए उनके पास कोई विकल्प नहीं है|
इस
वक्त डिमॉलिशन ड्राइव शहर में तीन जगहों पर चालू है- बोम्मनाहल्ली में
अवेरी शृंगेरी नगर, महादेवपुरा में कसावानाहल्ली और येलाहांका में
शिवानाहल्ली| पिछले तीन दिन के दौरान 100 गैरकानूनी कब्ज़ों को ढहाया गया
है, और 1,100 इमारतें गिराई जानी बाकी हैं|
लेफ्टिनेंट
कर्नल निरंजन कुमार बम डिस्पोज़ल विशेषज्ञ थे, और वह पठानकोट एयरबेस में
पाकिस्तान-स्थित जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादियों द्वारा 2 जनवरी को किए गए
हमले के खत्म हो जाने के बाद एक ग्रेनेड को डिफ्यूज़ करते हुए शहीद हो गए
थे|
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