इलाहाबाद में एक स्कूल की प्रिंसिपल सहित आठ अध्यापकों ने स्कूल में
राष्ट्रगान गाने की पाबंदी लगा देने पर इस्तीफ़ा दे दिया है। स्कूल के मैनेजर का कहना है कि राष्ट्रगान में 'भारत भाग्य
विधाता' के 'भारत' शब्द से उन्हें आपत्ति है जब तक राष्ट्रगान में इस
पंक्ति में भारत नहीं हटाया जाता वह स्कूल में राष्ट्रगान गाने नहीं देंगे।
मामला प्रशासन के पास पहुचने के बाद प्रशासन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ
जांच के आदेश दे दिए है उसका कहना कि जांच के बाद स्कूल प्रबंधन के खिलाफ
कार्रवाई की जाएगी।
इस्तीफा देने वाले
टीचर्स का कहना है कि राष्ट्रगान गाना उन्हें संविधान से दिया गया मूल
अधिकार है लेकिन स्कूल प्रबंधन ने जब उन्हें इसे गाने पर आपत्ति जाहिर की
तो उन्होंने स्कूल छोड़ दिया है।
बारह साल से नहीं हुआ राष्ट्रगान-
एम ए कान्वेन्ट स्कूल की स्थापना के साथ ही इसमे यह तुगलकी फरमान आज
भी जारी है कि यहां राष्ट्रगान नहीं गाया जाएगा।
टीचरों का कहना है कि 15 अगस्त पर यहां प्रोग्राम होना था। हम
लोगों ने कहा कि नेशनल एंथम होना है। इस पर उन्होंने कहा कि नेशनल एंथम आज
तक हमारे यहां नहीं हुआ और अब भी नहीं होगा। कारण पूछा तो कहा कि उसमें एक
लाइन आती है जो हमारे धर्म के खिलाफ है। भारत भाग्य विधाता भारत हमारे
भाग्य का विधाता कैसे हो सकता है, इस वजह से हम नहीं होने देंगे। आप की
मर्जी हो आप जा सकती हैं। हमें तो एक साल हुआ है यहां पर, लेकिन 12 साल से
किसी ने कोई आवाज़ नहीं उठाई। बच्चों से पूछिये नेशनल एंथम क्या होता है,
उन्हें आता ही नहीं है, गार्जियन को भी चुप करा दिया जाता है।
भारत भाग्य विधाता से ऐतराज
वहीं स्कूल के मैनेजर जियाउल हक़ की दलील है कि
राष्ट्रगान की एक लाइन पर उन्हें गहरा ऐतराज है जिसकी वजह से वह स्कूल में
राष्ट्रगान को स्कूल में नहीं गाने दे सकते। प्रबंधक के मुताबिक़ राष्ट्रगान
में भारत भाग्य विधाता का गान करना उनके मुताबिक़ इस्लाम के खिलाफ है
क्योंकि अल्लाह के सिवाय और कोई उनका भाग्य भाग्य विधाता नहीं हो सकता है।
0 comments:
Post a Comment