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APNI KHABAR

Saturday, 22 October 2016

ब्लॉक किये जाने लगे एटीएम कार्ड-पिन बदलने को बैंक भेज रहे सन्देश

भारतीय बैंकों के डेटा से जुड़ी अपनी तरह की सबसे बड़ी सेंधमारी में सरकारी और निजी बैंकों के 32 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है| बताया जा रहा है कि भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक सहित अनेक बैंकों ने बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड को ब्लॉक कर दिये हैं| जिन ग्राहकों के एटीएम ब्लाक नहीं हुए हैं उन्हें एहतियातन एटीएम पिन बदल लेने को कहा जा रहा है|

इस सेंधमारी का कैसे पता चला?

इसका पता तब चला जब कुछ बैंकों को शिकायत मिली कि कुछ एटीएम कार्ड का चीन व अमेरिका सहित अनेक विदेशों में धोखे से इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि ग्राहक भारत में ही हैं. अब तक 19 बैंकों ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को धोखाधड़ी से पैसे निकालने की सूचना दी है| एनपीसीआई भारत में सभी तरह की खुदरा भुगतान प्रणालियों का शीर्ष संगठन है| उसने एक बयान में बताया कि 641 ग्राहकों ने कुल मिलाकर 1.3 करेाड़ रुपये की अवैध या फर्जी तरीके से निकासी की शिकायत की है|
कैसे हुई डेबिट कार्ड के डेटा में यह सेंधमारी?
एनपीसीआई की जांच में पाया गया कि डेटा सुरक्षा में यह सेंध हिताची पेमेंट्स सर्विसेज की प्रणाली में एक मालवेयर के जरिये हुई है. यह कंपनी यस बैंक को सेवा देती है| हिताची पेमेंट्स एटीएम सर्विसेज, प्वाइंट ऑफ सेल सर्विसेज, इमर्जिग पेमेंट्स सर्विसेज आदि के जरिये सेवाएं देती है और उसने कहा है कि उसकी प्रणाली में कोई सेंधमारी नहीं हुई है| वहीं यस बैंक ने सुरक्षा में सेंध की इस घटना से खुद को एक तरह से अलग करने की कोशिश करते हुए सेवा प्रदाताओं की बेहतर निगरानी पर जोर दिया है|
इस तरह की सेंधमारी से बचने के लिए क्या उपाय अपनाएं?
वहीं इस सेंधमारी की वजह से ब्लॉक किए गए डेबिट/एटीएम कार्ड के बदले बैंक आप को मुफ्त में दूसरा कार्ड बना कर देंगे| वहीं जिनका कार्ड ब्लॉक नहीं हुआ है, वे अपना एटीएम पिन बदल लें| आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकालते वक्त अधिकतम सीमा भी तय कर सकते हैं, जिससे ऐसी धोखाधड़ी का खतरा काफी घट सकता है|
आपके खाते से पैसा गायब हुआ है तो क्या करें?
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का निर्देश है, 'सुरक्षा में सेंध के कारण ग्राहकों को हुए किसी भी तरह के नुकसान के लिए पूरी तरह से बैंक ही जिम्मेदार है| आरबीआई के ड्राफ्ट के मुताबिक, खाता धारकों द्वारा धोखाधड़ी की सूचना दिए जाने पर बैंक को 10 कार्यदिवसों के अंदर ग्राहक के खाते से गायब हुआ पैसा वापस करना होगा| इसके लिए ग्राहक को तीन दिन के अंदर ही धोखाधड़ी की सूचना देनी होगी और उसे यह दिखाना होगा कि उसकी तरफ से किसी तरह का लेनदेन नहीं किया गया और पैसा बिना उसकी जानकारी के गलत तरह से गायब हुआ है| आरबीआई का निर्देश  है कि बैंक यह सुनिश्चित करें कि ग्राहक की शिकायत का निपटारा 90 दिनों के अंदर हो जाए| क्रेडिट कार्ड से पैसे गायब होने की हालात में बैंक यह सुनिश्चित करें कि कस्टमर को किसी भी तरह का ब्याज न देना पड़े|

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