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APNI KHABAR

Monday, 24 October 2016

जब अखिलेश से छीना गया माइक, कहा गया झूठा...!!!! Video

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समाजवादी पार्टी के नेताओं की बैठक में अखिलेश यादव और शिवपाल यादव के बीच नोंकझोंक का वीडियो सामने आया है। इसमें शिवपाल और अखिलेश एक-दूसरे से माइक छीनते दिख रहे हैं। साथ ही शिवपाल ने अखिलेश को झूठा भी कहा। वीडियो में अखिलेश मुलायम सिंह से कह रहे हैं, ”मेरे खिलाफ टाइम्‍स ऑफ इंडिया में लिखवाया गया। मुझे औरंगजेब और आपको शाहजहां लिखा गया।। आशु मलिक ने यह लिखाया। मलिक कहां है उसको बुलाइए। बुलाओ इसको यहां।” इसी दौरान शिवपाल मंच पर अखिलेश के पास आ जाते हैं। वे अखिलेश से माइक छीन लेते हैं और कहते हैं, ”मुख्यमंत्री झूठ बोल रहे हैं। आप झूठ बोल रहे हैं।” इस पर अखिलेश यादव ने भी माइक छीनने की कोशिश की। इस दौरान दोनों के बीच कोहनी से धक्कामुक्की हो गई।मुलायम सिंह मंच पर बैठे यह देखते रहते हैं। कुछ देर बाद में वे वहां से निकल जाते हैं। वहीं नीचे खड़े कार्यकर्ता नारेबाजी करते रहते हैं। मुलायम सिंह के जाने के बाद अखिलेश गुस्‍से में घर चले गए। शिवपाल पार्टी ऑफिस में अपने कमरे में चले गए। एबीपी न्यूज़ के अनुसार, अखिलेश बैठक के दौरान काफी गुस्‍से में थे। उनके आक्रामक रूप को देखकर आशु मलिक डर गए थे। 
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साभार- एनडीटीवी
https://youtu.be/LrJryb9iE5w

SamajwadiParty में मचे घमासान का पटाक्षेप आज संभव,बड़े बदलाव संभावित!

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आशंका जताई जा रही है कि आज की बैठक में पिछले कई दिनों से चली आ रही पार्टी टूटने की खबरों पर आज विराम लग सकता है और मुलायम सिंह यादव अपने बेटे और मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव से रास्‍ता अलग कर सकते हैं। कयास यह भी लगाए जा रहे हैं कि मुलायम सिंह खुद सीएम की कुर्सी संभाल सकते हैं।
इस बैठक में विधायक, सांसद, मंत्री, पूर्व सांसद, प्रत्याशी, ब्लाक प्रमुख और बीडीसी सदस्यों तक को बुलाया गया है वहीं मुख्‍यमंत्री अखिलेश यादव भी पार्टी के विधायक के तौर पर इसमें शामिल हुए हैं।
इससे पहले रविवार रात लगभग नौ बजे मुलायम सिंह अपने विक्रमादित्य मार्ग स्थित आवास से निकले और मीडिया कर्मियों से मुस्कराते हुए बस इतना ही कहा, "आप सबका धन्यवाद। अभी कुछ नहीं, कल (सोमवार) को पार्टी कार्यालय में मीटिंग है। वहीं सब कहूंगा, आप सब भी आमंत्रित हैं।
मीडिया ख़बरों के अनुसार--

समाजवादी पार्टी की बैठक में मुलायम कुनबे के सदस्यों ने खुलकर अपनी बात रखी। सबसे पहले अखिलेश यादव बोले। भावुक हुए। सीधे नेताजी यानी मुलायम सिंह यादव को संबोधित किया। कहा- बताइये आपके दिल में क्या है? साफ किया कि नई पार्टी नहीं बनाऊंगा। इस्तीफा देने को तैयार। इसके बाद चाचा शिवपाल ने अपनी बात रखी। साफ कहा कि अखिलेश के स्थान पर खुद मुलायम कमाल संभाले। अब सभी की नजरें मुलायम के आखिरी फैसले पर है।
बैठक को संबोधित करते हुए पार्टी सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव ने अख‍िलेश को एक बार फिर फटकार लगाते हुए पूछा कि क्‍या पद मिलते ही आपका दिमाग खराब हो गया है? मैं अभी कमजोर नहीं हुआ हूं। पार्टी में तनातनी से आहत हूं। जो आलोचना नहीं सुन सकता है वह नेता नहीं हो सकता है। अखिलेश के लिए नारेबाजी करने वालों से कहा कि कुछ लोगों ने चापलूसी को धंधा बना रखा है। ऐसा नहीं है कि नौजवान हमारे साथ नहीं हैं, एक आवाज पर कई खड़े हो जाएंगे। नारे लगाने वालों को क्‍या पता हम कैसे लड़े। नारेबाजी करने वालों को निकाल देंगे।
शिवपाल को लेकर कहा कि वो जनता के नेता हैं। समाजवादी पार्टी टूट नहीं सकती
इससे पहले बैठक की शुरुआत में अखिलेश यादव ने अपने इस्‍तीफे की पेशकश कर दी है। उन्‍होंने कहा कि लोग बोल रहे हैं नई पार्टी बनाई जाएगी, कौन बनाएगा नई पार्टी, उन्‍होंने पूछा कि मैं नई पार्टी क्‍यों बनाऊंगा? पार्टी के 25 साल पूरे हो गए हैं। मुलायम मेरे पिता हैं, गुरु हैं उन्‍होंने मुझे बनाया है। अमर सिंह पर हमला बोलते हुए कहा कि कुछ लोग हैं जो गलफहमी पैदा कर रहे हैं। हमारी छवि खराब हुई है। उन्‍होंने कहा कि अगर नेताजी की पार्टी के खिलाफ कोई साजिश करेगा तो मैं उसके खिलाफ कार्रवाई करूंगा।
उन्‍होंने मुलायम सिंह को सीधे संबोधित करते हुए कहा कि आपने जो कुछ मुझे कहा मैंने बर्दाश्‍त किया। अगर आपके मन में कोई बात है तो मुझे बताईये। मेरे हटने से अगर हर बात ठीक हो जाती है तो मुझसे कहते मैं इस्‍तीफा दे देता। इस दौरान अपनी बात रखते हुए अखिलेश यादव भावुक हो गए और उनका गला भर आया।
शिवपाल हमला बोलते हुए कहा कि चाचा मेरे खिलाफ साजिश कर रहे हैं। क्‍या मेरा इस पार्टी में कुछ नहीं है। चुनाव में टिकट मैं ही बाटूंगा।
पार्टी को बनाने में नेताजी का साथ दिया
उनके बाद बैठक में अपनी बात रखते हुए शिवपाल सिंह ने कहा कि पार्टी में हंगामा करने वालों को बाहर करना जरूरी था। इस पार्टी को बनाने में मैंने नेताजी को साथ दिया। हम साइकिल पर गांव-गांव जाते थे, तीन महीने तक साइकिल चलाते थे। पार्टी के लिए मैंने बहुत संघर्ष किया है, मैंने गांव-गांव जाकर नेताजी की चिट्ठियां बांटी हैं। शिवपाल यादव भी अपनी बात रखते हुए भावुक हो गए।
अखिलेश पर सीधा हमला बोलते हुए शिवपाल ने पूछा की क्‍या सरकार में मेरा कोई योगदान नहीं है। अध्‍यक्ष बनने पर मेरे साथ क्‍या व्‍यवहार हुआ, मुझसे सभी विभाग छीन लिए गए। मैंने नेताजी का हर आदेश माना है, उनके आदेश पर पार्टी प्रदेश अध्‍यक्ष पद से हटा। मैं कसम खाकर कह सकता हूं कि जब मैं अखिलेश से मिलने गया तो उन्‍होंने कहा कि मैं दल बनाऊंगा और किसी अन्‍य दल से मिलकर चुनाव लडूंगा। मैं इसे साबित करने के लिए गंगा जल लेने को तैयार हूं, अपने बेटे की कसम खाने को तैयार हूं कि अखिलेश ने अलग दल बनाने की बात कही। रामगोपाल को लेकर कहा कि उनकी दलाली नहीं चलेगी।
बैठक से पहले पार्टी कार्यालय के बाहर बड़ी संख्‍या में अखिलेश और शिवपाल समर्थक एकत्रित हो गए। वहीं बैठक में हिस्‍सा लेने के लिए पार्टी कार्यालय पहुंचे शिवपाल यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि हम अगले चुनाव के लिए तैयार हैं और सीधे जनता से संवाद करेंगे। मुझे पता था यह एक दिन होगा।
शिवपाल यादव के पार्टी दफ्तर पहुंचने के बाद माहौल थोड़ा गर्म हो गया है। उनके और अखिलेश यादव के समर्थक आमने-सामने आ गए और नारेाबाजी की होड़ शुरू हो गई। वहीं अखिलेश यादव विक्रमादित्‍य मार्ग से अपने सरकारी आवास पहुचे हैं।
चाचा शिवपाल समेत 4 मंत्रियों को किया था बर्खास्‍त
अखिलेश यादव ने रविवार को बुलाई एक बैठक के बाद अपने मंत्रिमंडल से चाचा शिवपाल यादव समेत चार मंत्रियों को कैबिनेट से बाहर कर दिया था। इसके बाद से पार्टी के संग्राम की आग और तेज हो गई थी। अपने इस फैसले के बाद अखिलेश यादव ने मीडिया से बात करते हुए अमर सिंह पर सीधा हमला बोलते हुए आरोप लगाया था कि वो पार्टी में कलह के लिए जिम्‍मेदार हैं और उनके अलावा उनके सिकी समर्थक को नहीं छोड़ेंगे। अखिलेश ने कहा था कि मैं अपने पिता का उत्‍तराधिकारी हूं और पार्टी को नहीं टूटने दूंगा।
सपा ने रामगोपाल को दिखाया बाहर का रास्‍ता
अखिलेश के फैसले से नाराज पार्टी सुप्रीमों मुलायम सिंह यादव ने विधायकों को अखिलेश के पक्ष में पत्र लिखने वाले सपा महासचिव रामगोपाल यादव को पार्टी से 6 साल के लिए निलंबित करते हुए सभी पदों से हटा दिया था।

Saturday, 22 October 2016

अखिलेश के समर्थन में चिट्ठी लिखने वाले उदयवीर सिंह(एमएलसी) को किया गया सपा से बाहर!

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समाजवादी पार्टी में मची उथल-पुथल फिलहाल थमने का नाम नहीं ले रही है| पार्टी खेमों में बंटी नज़र आ रही है जिसमें एक खेमा मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के समर्थकों का जबकि दूसरा खेमा मुलायम-शिवपाल समर्थकों का नज़र आ रहा है|  अब चर्चा है कि अखिलेश यादव के समर्थन में सपा सुप्रीमो मुलायम सिंह यादव को पत्र लिखने वाले एमएलसी उदयवीर सिंह को पार्टी से 6 साल के लिए बर्खास्त कर दिया गया है| इससे पूर्व में भी अखिलेश के समर्थन में खुलकर मैदान में उतरे सपाइयों की पार्टी से छुट्टी कर दी गयी थी|

मीडिया ख़बरों के अनुसार पार्टी से निलंबित किये जाने पर उदयवीर ने कहा, 'नेताजी जो फैसला करेंगे वो मैं मानूंगा. मैंने जो भी लिखा उस पर कायम हूं| अखिलेश जी के साथ जो हुआ वह गलत है| मैंने जो भी लिखा वह सही है| ऐसा पहले भी हुआ है कि पार्टी में लोगों को निकाला गया है| लेकिन बाद में गलती का एहसास हुआ तो वापस भी लिया गया. लेटर लिखने का कोई अफ़सोस नहीं है. पार्टी का समर्पित कार्यकर्ता हूँ|'
उदयवीर सिंह ने कहा कि उन्हें पार्टी से निकाले जाने का कोई अफ़सोस नहीं है| वे मुख्यमंत्री जी के साथ हैं| उन्होंने कहा कि अभी उन्हें चिट्ठी नहीं मिली है| आधिकारिक तौर पर जब लेटर मिल जाएगा तो वे नेताजी से मुलाकात करके अपना पक्ष रखेंगे|

रिलायंस जियो का 'वेलकम ऑफर' तीन दिसंबर को खत्म!

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नयी दूरसंचार सेवाप्रदाता कंपनी रिलायंस जियो का ‘वेलकम ऑफर’ केवल तीन दिसंबर से पहले सिम लेने वालों को ही मिलेगा। इस ऑफर के तहत कंपनी 31 दिसंबर तक मुफ्त वॉयस कॉल और मुफ्त इंटरनेट की सुविधा दे रही है।

दूरसंचार नियामक (ट्राई) ने एक आदेश में कहा कि नियमों के अनुसार जियो वैलकम ऑफर 90 दिनों तक ही मुहैया करा सकती हैं और यह अवधि तीन दिसंबर को खत्म हो रही है।
इस संबंध में जियो के एक प्रवक्ता ने कहा कि उसका ‘वेलकम ऑफर’ 31 दिसंबर तक उपलब्ध रहेगा लेकिन यह सुविधा तीन दिसंबर से पहले उससे जुड़ने वाले ग्राहकों को ही मिलेगी।

ब्लॉक किये जाने लगे एटीएम कार्ड-पिन बदलने को बैंक भेज रहे सन्देश

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भारतीय बैंकों के डेटा से जुड़ी अपनी तरह की सबसे बड़ी सेंधमारी में सरकारी और निजी बैंकों के 32 लाख से ज्यादा डेबिट कार्ड प्रभावित होने की आशंका है| बताया जा रहा है कि भारतीय स्टेट बैंक, इंडियन ओवरसीज बैंक सहित अनेक बैंकों ने बड़ी संख्या में डेबिट कार्ड को ब्लॉक कर दिये हैं| जिन ग्राहकों के एटीएम ब्लाक नहीं हुए हैं उन्हें एहतियातन एटीएम पिन बदल लेने को कहा जा रहा है|

इस सेंधमारी का कैसे पता चला?

इसका पता तब चला जब कुछ बैंकों को शिकायत मिली कि कुछ एटीएम कार्ड का चीन व अमेरिका सहित अनेक विदेशों में धोखे से इस्तेमाल किया जा रहा है, जबकि ग्राहक भारत में ही हैं. अब तक 19 बैंकों ने नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) को धोखाधड़ी से पैसे निकालने की सूचना दी है| एनपीसीआई भारत में सभी तरह की खुदरा भुगतान प्रणालियों का शीर्ष संगठन है| उसने एक बयान में बताया कि 641 ग्राहकों ने कुल मिलाकर 1.3 करेाड़ रुपये की अवैध या फर्जी तरीके से निकासी की शिकायत की है|
कैसे हुई डेबिट कार्ड के डेटा में यह सेंधमारी?
एनपीसीआई की जांच में पाया गया कि डेटा सुरक्षा में यह सेंध हिताची पेमेंट्स सर्विसेज की प्रणाली में एक मालवेयर के जरिये हुई है. यह कंपनी यस बैंक को सेवा देती है| हिताची पेमेंट्स एटीएम सर्विसेज, प्वाइंट ऑफ सेल सर्विसेज, इमर्जिग पेमेंट्स सर्विसेज आदि के जरिये सेवाएं देती है और उसने कहा है कि उसकी प्रणाली में कोई सेंधमारी नहीं हुई है| वहीं यस बैंक ने सुरक्षा में सेंध की इस घटना से खुद को एक तरह से अलग करने की कोशिश करते हुए सेवा प्रदाताओं की बेहतर निगरानी पर जोर दिया है|
इस तरह की सेंधमारी से बचने के लिए क्या उपाय अपनाएं?
वहीं इस सेंधमारी की वजह से ब्लॉक किए गए डेबिट/एटीएम कार्ड के बदले बैंक आप को मुफ्त में दूसरा कार्ड बना कर देंगे| वहीं जिनका कार्ड ब्लॉक नहीं हुआ है, वे अपना एटीएम पिन बदल लें| आप अपनी जरूरत के हिसाब से पैसा निकालते वक्त अधिकतम सीमा भी तय कर सकते हैं, जिससे ऐसी धोखाधड़ी का खतरा काफी घट सकता है|
आपके खाते से पैसा गायब हुआ है तो क्या करें?
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) का निर्देश है, 'सुरक्षा में सेंध के कारण ग्राहकों को हुए किसी भी तरह के नुकसान के लिए पूरी तरह से बैंक ही जिम्मेदार है| आरबीआई के ड्राफ्ट के मुताबिक, खाता धारकों द्वारा धोखाधड़ी की सूचना दिए जाने पर बैंक को 10 कार्यदिवसों के अंदर ग्राहक के खाते से गायब हुआ पैसा वापस करना होगा| इसके लिए ग्राहक को तीन दिन के अंदर ही धोखाधड़ी की सूचना देनी होगी और उसे यह दिखाना होगा कि उसकी तरफ से किसी तरह का लेनदेन नहीं किया गया और पैसा बिना उसकी जानकारी के गलत तरह से गायब हुआ है| आरबीआई का निर्देश  है कि बैंक यह सुनिश्चित करें कि ग्राहक की शिकायत का निपटारा 90 दिनों के अंदर हो जाए| क्रेडिट कार्ड से पैसे गायब होने की हालात में बैंक यह सुनिश्चित करें कि कस्टमर को किसी भी तरह का ब्याज न देना पड़े|

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