शराब के ठेकों के विरोध में लगातार तीसरे दिन आगरा में बवाल और प्रदर्शन हुए। ताजनगरी में हाईवे से घनी बस्ती में शिफ्ट हुए शराब के ठेके का विरोध कर रही महिलाओं की दबंग लोगों ने पुलिस की मौजूदगी में ही जमकर पिटाई कर दी| महिलाओं को दबंगों द्वारा पीटे जाने का पूरा मामला कैमरे में कैद हो गया।
ताजा मामला यमुनापार इलाके का है जहाँ शराबबंदी की मांग कर रहे प्रदर्शनकारियों पर ठेकेदार के कर्मचारियों ने हमला बोल दिया। पुलिस की मौजूदगी में ही विरोध कर रहे युवकों के साथ साथ महिलाओं को भी खदेड़ दिया|
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शराब के ठेकों के विरोध में लगातार तीसरे दिन आगरा में बवाल और प्रदर्शन हुए। शहर के छह थाना क्षेत्रों में महिलाएं सड़क पर उतरीं। ठेकों में घुसकर तोड़फोड़ की। कर्मचारियों को पीटा। शराब की बोतलें फोड़ी गईं। शराब की बोतलें और गल्ले में रखा कैश भी लूटा गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को दूर तक खदेड़ा। सदर और शाहगंज में महिलाओं को हिरासत में लिया गया। वे अक्रोशित हैं। पुलिस पर मारपीट का आरोप लगा रही हैं।
सोमवार को पहली घटना ईदगाह बस स्टैंड (सदर) के पास हुई। यहां देशी और बीयर का ठेका है। सुबह साढ़े ग्यारह बजे 30-35 महिलाएं और एक दर्जन युवक ठेके पर आ गए। सबसे पहले बीयर शॉप पर धावा बोला। अंदर रखा फ्रिज उठाकर सड़क पर फेंक दिया। बीयर की बोतल फोड़ना शुरू कर दिया। ठेके में आग लगाने का प्रयास किया गया।
बवाल देख बराबर स्थित देशी ठेके के कर्मचारी शटर बंद करके भागने लगे। महिलाओं ने दबोच लिया। सब्बल से शटर तोड़ दिया। यहां भी तोड़फोड़ की गई। बवाल से दहशत फैल गई। सड़क पर ट्रैफिक रुक गया। सूचना पर पहुंची पुलिस ने चार युवक और आधा दर्जन महिलाओं को हिरासत में ले लिया। पुलिस की कार्रवाई से खलबली मच गई। महिलाएं भाग खड़ी हुईं।
सेवला सदर में देशी शराब के ठेके पर तोड़फोड़ की गई। पुलिस और आबकारी विभाग की टीम ने मौके पर पहुंचकर चार लोगों को पकड़ा। शाहगंज में भोगीपुरा चौराहे पर ठेके के विरोध में महिलाएं लाठी-डंडे लेकर पहुंचीं। खबर मिलते ही शाहगंज थाने का फोर्स पहुंच गया। देशी शराब के ठेके पर तोड़फोड़ होती इससे पहले पुलिस एक्शन में आ गई। महिलाओं को खदेड़ दिया। महिलाएं थाना पुलिस पर लाठीचार्ज का आरोप लगा रही हैं।
जगदीशपुरा में अलबतिया रोड पर शराब ठेके का विरोध हुआ। सड़क पर उतरी महिलाओं ने साफ बोल दिया ठेका बंद नहीं कराया तो वे तहस-नहस कर देंगी। देखती हैं पुलिस कब तक सुरक्षा देगी। कितनों को जेल भेजेगी। पुलिस ने इधर भी स्थिति को संभाला।
ताजगंज क्षेत्र के धांधूपुरा में बवाल हुआ। देशी शराब के ठेके पर पहुंची महिलाओं ने पूरा ठेका अस्त-व्यस्त कर दिया। महिलाओं ने आरोप लगाया कि ठेके पर उधार शराब मिलती है। कई परिवार बर्बाद हो चुके हैं। वे अपने क्षेत्र में ठेका बंद कराकर ही दम लेंगी। बवाल और तोडफोड़ की खबर पहुंची पुलिस ने महिलाओं को वहां से भगाया।
एत्मादुद्दौला में शोभा नगर, फाउंड्रीनगर में देशी और बीयर के ठेके पर बवाल किया। महिलाओं का उग्र रूप देख कर्मचारी भाग खड़े हुए। महिलाओं ने कई पेटी शराब की बोतलें सड़क पर फेंककर तोड़ दीं। सुशील नगर में भी ठेके पर हंगामा और बवाल हुआ। पुलिस ने प्रदर्शन कर रही महिलाओं को धमकाया। कहा कि वे नहीं मानीं तो अब सीधे जेल भेजा जाएगा। बवाल से ठेके बंद नहीं होंगे।
शाम के समय न्यू आगरा के मुगल रोड पर ठेके का विरोध हुआ। यहां भी सड़क पर उतरी महिलाओं की एक ही मांग थी कि यहां से ठेका हटाया जाए। दोपहर को हरीपर्वत के टीपी नगर इलाके में ठेके का विरोध हुआ था। वहीं सुबह के समय सेंट पीटर्स स्कूल के पास ठेका खुलने पर लोगों में आक्रोश है। उनका कहना है कि अब तो हद हो गई। गली-गली शराब की दुकानें खुलवाई जा रही हैं।
20 लाख की शराब लूटी, मुकदमा
मारुति एस्टेट (जगदीशपुरा) में रविवार को शराब के ठेके पर बवाल हुआ था। दुकान मालिक राजकुमार चाहर ने जगदीशपुरा थाने में डकैती की धारा के तहत मुकदमा लिखाया है। आरोप है कि प्रदर्शन करने वालों ने 20 लाख रुपये की शराब की बोतलें तोड़ दीं। लाखों की शराब और गल्ले में रखा कैश लूटकर ले गए। पुलिस ने तहरीर के आधार पर सुनील, रवि, प्रवेंद्र, आकाश, बिट्टू, विनोद, गोमती को नामजद किया गया है। मुकदमे में 100 से अधिक अज्ञात पुरुष और महिलाओं का भी जिक्र है।
महिलाएं भी भेजी जाएंगी जेल
ईदगाह बस स्टैंड के पास शराब के ठेकों में तोड़फोड़ की गई। लूटपाट का भी आरोप है। पुलिस ने मौके से पांच युवक और आधा दर्जन महिलाओं को पकड़ा। इंस्पेक्टर सदर ने बताया कि मुकदमा लिखा जा रहा है। फिलहाल यह फैसला नहीं हुआ है कि महिलाओं को जेल भेजना है या नहीं। सूत्रों की मानें तो सोमवार को अधिकारियों ने यह फैसला लिया कि महिलाओं को फिलहाल निजी मुचलके पर छोड़ दिया जाए। मंगलवार को महिलाएं कहीं विरोध करें तो गिरफ्तार करके जेल भेजा जाए। जब तक पुलिस सख्त नहीं होगी प्रदर्शन जारी रहेगी।
विधायक के घर दिया धरना
गोपालपुरा इलाका में शराब का ठेका बंद कराने के लिए क्षेत्रीय लोग सोमवार को भाजपा विधायक डॉ. जीएस धर्मेश के घर पहुंचे। उनसे मांग की कि यह ठेका बंद कराया जाए। इससे माहौल खराब हो रहा है। आए दिन छेड़छाड़ की घटनाएं होती हैं। वे लोग प्रदर्शन नहीं करना चाहते। अपने चुने हुए प्रतिनिधि के दरवाजे पर उम्मीद लेकर आए हैं। उन्हें लगता है कि नियम विरुद्ध खुला ठेका बंद होना चाहिए तो न्याय करें। डॉ. धर्मेश ने बताया कि जनता की समस्या उन्हें जायज लगी। इस संबंध में उन्होंने डीएम से बात की। ठेका बंद कराने के लिए कहा है। वह जनता के साथ हैं।
आखिर विरोध का कारण क्या है
गली-मोहल्ले के नुक्कड़ पर शराब के ठेके खुल गए हैं। उनसे महिलाओं को क्या दिक्कत है। यह जानने का प्रयास किया गया। महिलाओं ने ठेके के विरोध के पीछे जो वजह बताई वह हैरान कर देने वाली है।
-देशी शराब का ठेका खुलने और बंद होने का कोई समय नहीं है। पुलिस से सेटिंग करके ठेके वाले अपनी मर्जी से ठेका बंद करते हैं।
-बाहर से शटर बंद होता है फिर भी शराब मिल जाती है। नशेबाजों की सेटिंग रहती है।
-ठेके वाले नियमित पीने वालों को उधार शराब देते हैं।
-मजदूर वर्ग के लोग जैसे ही पैसा कमाते हैं पहले उधारी चुकाकर आते हैं।
-ठेकों के आस-पास युवकों का जमघट रहता है। महिलाओं का वहां से निकलना मुश्किल हो जाता है।
-पुलिस को ठेकों से महीनेदारी मिलती है। ठेकों के बाहर ओपन बार बन जाते हैं। चौपाटी सज जाती है।
कुसमा बोली बर्बाद हो गया है परिवार
शोभा नगर, फाउंड्री नगर की कुसमा प्रदर्शन के दौरान रो रही थी। चीख-चीखकर बोल रही थी ठेका बंद नहीं हुआ तो खुद अपनी जान दे देगी। इस ठेके ने घर बर्बाद कर दिया है। बेटा नशेबाज हो गया है। बेटे की हरकतों से परेशान होकर बहू छोड़कर चली गई। बच्चों की देखभाल उसे करनी पड़ती है। बेटा जितना कमाता है वह सब शराब में उड़ा देता है। घर पर बच्चे रोटी को तरसते हैं। उसे दर्द नहीं आता है। उसने शराब का विरोध किया था। बेटे ने इस बात पर नाती को बेरहमी से पीटा। गुस्से में घर से निकला और कुछ ही देर बाद शराब के नशे में होकर वापस लौट आया। उसकी जेब में शराब खरीदने को पैसे नहीं थे। कहां से आई शराब यह पूछने पर बेटे ने कहा उधार भी मिलती है।
वह इसलिए प्रदर्शन करने आई थी। भीड़ में शामिल रेखा ने बताया कि कोई दिन ऐसा नहीं जाता जब वह घर पर पिटती नहीं है। पति सुबह काम के लिए निकलता है और रात को नशे में घर लौटता है। वह भूखी सो जाती है मगर पति को कोई फर्क नहीं पड़ता। बबली ने बताया कि पति शराब नहीं पीए तो वह अच्छी जिंदगी जी सकते हैं। पति दस से पंद्रह हजार रुपये महीने कमाता है। उनके घर रसोई में आटा तक नहीं है। रोज घर पर इसी बात का झगड़ा होता है कि पहले राशन का इंतजाम करो। शराब जरूरी नहीं है।
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