
बृहस्पतिवार देर रात जारी अधिसूचना के मुताबिक यह कानून गजट प्रकाशन के साथ ही लागू हो गया। नया कानून नागरिकता अधिनियम 1955 में बदलाव करेगा। इसके तहत 31 दिसंबर, 2014 तक धर्म के आधार पर प्रताड़ना के चलते पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से आए हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई धर्म के लोगों को अवैध घुसपैठिया नहीं माना जाएगा, बल्कि उन्हें भारतीय नागरिकता दी जाएगी।
मौजूदा कानून के मुताबिक किसी व्यक्ति को भारतीय नागरिकता लेने के लिए कम से कम 11 साल यहां में रहना अनिवार्य था। नए कानून में पड़ोसी देशों के अल्पसंख्यकों के लिए यह अवधि घटाकर छह साल कर दी गई है। मौजूदा कानून के तहत भारत में अवैध तरीके से दाखिल होने वाले लोगों को नागरिकता नहीं मिल सकती थी और उन्हें वापस उनके देश भेजने या हिरासत में रखने के प्रावधान था।
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